Sunday 5 January 2014

मेरी कविताओ की धड़कन हो तुम


मेरी कविताओ की धड़कन हो तुम...
मैंने एहसास लिखे है शब्दो में,
तुम्हारे साथ बीते लम्हो के,
हिसाब लिखे है शब्दो में....
मेरे शब्दो कि बेचैनी,
इनकी तड़पन हो तुम....
मेरी कविताओ की धड़कन हो तुम....!

तुम्हारे लिए जो छिपा है दिल में,
वो प्यार लिखा है शब्दो में....
मेरी कविताओ की धड़कन हो तुम....!
मेरे होठों पर जो सजते है,
तुम्हारे गीत लिखे है शब्दो में...
तुमसे रूठते-मानते,अपनी हार तुम्हारी जीत...
लिखी है शब्दो में.....
मेरी साँसों में रहते हो तुम....
मेरा तो पूरा जीवन हो तुम....
मेरी कविताओ की धड़कन हो तुम....!!!

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